Dainik Bhaskar Hindi - bhaskarhindi.com,मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत एक बार फिर सुर्खियों में हैं। लेकिन इस बार वो अपने विवादित ट्वीट की वजह से नहीं बल्कि, टैक्स का भुगतान समय पर नहीं करने की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है और इस बात की जानकारी एक्ट्रेस ने खुद अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए फैंस के साथ साझा की है। दरअसल, कंगना रनौत ने इस बात का खुलासा किया कि, कोरोना काल में काम नहीं होने की वजह से उन्होंने अब तक पिछले साल के टैक्स का आधा भुगतान नहीं किया हैं।
कंगना ने लिखा कि, सरकार मेरे पेंडिंग टैक्स मनी पर ब्याज वसूल रही है। फिर भी मैं सरकार के इस कदम का स्वागत करती हूं। बता दें कि, कंगना ही नहीं ऐसे कई टीवी और बॉलीवुड सेलेब्स हैं, जिनकी हालत इस कोरोना काल में खराब हो चुकी है। वो अपने महीनेभर का बिल तक पेमेंट नहीं कर पा रहे है। क्योंकि, इंडस्ट्री में काम की किल्लत होना शुरु हो चुकी है। हालांकि, सेलेब्स और आम आदमी इन मुसीबतों को झेलने के लिए मजबूर है।
देखिए, कंगना रनौत का पोस्ट
कंगना ने इंस्टाग्राम स्टोरी शेयर करते हुए लिखा कि, 'भले ही मैं सबसे ज्यादा टैक्स वाले स्लैब में आती हूं। मैं अपनी कमाई का लगभग 45 प्रतिशत टैक्स के रूप में देती हूं। भले ही मैं सबसे ज्यादा टैक्स चुकाने वाली ऐक्ट्रेस हूं, लेकिन काम नहीं होने के कारण मैंने अभी तक अपने पिछले साल के टैक्स का आधा बकाया भुगतान नहीं किया है। मेरे जीवन में पहली बार मुझे टैक्स देने में देर हो रही है। लेकिन सरकार मेरे पेंडिंग टैक्स मनी पर ब्याज वसूल रही है। फिर भी मैं सरकार के इस कदम का स्वागत करती हूं। व्यक्तिगत रूप से हमारे लिए समय कठिन हो सकता है, लेकिन साथ में हम समय से भी ज्यादा मजबूत हैं।"
हाल ही में कंगना ने पीएम मोदी के आंसू का मजाक उड़ाने वाले लोगों की अच्छे से क्लास ली थी। दरअसल, पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में फ्रंटलाइन डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ कोरोना पर एक छोटी सी चर्चा की थी, जिस पर बात करते हुए पीएम काफी भावुक हो गए थे और उनकी आंखों से आंसू आ गए। इस बात पर सोशल मीडिया में काफी मीम्स भी वायरल हुए थे। वहीं कंगना ने मजाक उड़ाने वाले लोगों को लेकर लिखा था कि, 'आंसू असली थे या नकली, आप आंसू की टेस्ट में उलझना चाहते हैं या आप किसी ऐसे व्यक्ति की भावनात्मक बुद्धिमत्ता और सहनशक्ति को स्वीकार करना चाहते हैं, जो दूसरों के दुःख से हिल जाता है या यह जानने के लिए परवाह करता है कि यह दर्द असहनीय होता है। उसे साझा करना होगा, वे आंसू एक अनजान घटना के रूप में हुए या वे सचेत प्रयास थे। यह कैसे मायने रखता है? क्या यह मायने रखता है? कुछ लोग हर समाधान के लिए समस्या ढूंढते हैं। मैं आपके आंसुओं को स्वीकार करती हूं प्रधानमंत्री....जय हिंद।' "प्रिय भारतीय हर आशीर्वाद को समस्या मत बनाइए। अपना एटिट्यूड और विचार खुद तय करें।"
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Source From
RACHNA SAROVAR
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