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दक्षिण भारतीय निर्माताओं में अधिक जोखिम लेने की चाहत : बीजॉय नांबियार

मुंबई, 1 नवंबर (आईएएनएस)। हिंदी सहित तमिल, मलयालम भाषाओं में फिल्मों का निर्माण कर चुके निर्देशक बीजॉय नांबियार का कहना है कि बॉलीवुड की अपेक्षा दक्षिण भारतीय फिल्म निर्माताओं में जोखिम लेने या कुछ नया करने की चाहत अधिक देखने को मिलती है।

नांबियार ने आईएएनएस को बताया, मुझे लगता है कि दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के निर्माताओं में प्रयोगात्मक कहानी, शैली व और प्रारूपों के साथ जोखिम लेने की अधिक चाहत होती है। चाहें व कलाकार हो या तकनीकिशयन, वे निरंतर रूप से कहानियों के साथ प्रयोग करते रहते हैं। हिंदी फिल्म में यह कुछ अलग है। हालांकि मैं यहां सभी की बात नहीं कर रहा हूं, लेकिन मैं इतना जरूर कहूंगा कि दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में लोग अधिक साहसी होते हैं।

उनकी हालिया हिंदी परियोजना तैश को फिल्म के अलावा वेब सीरीज के प्रारूप में रिलीज किया जा चुका है। इससे पहले वह तमिल और मलयालम में फिल्म सोलो बना चुके हैं, जबकि डेविड हिंदी और तमिल में रिलीज हुई है।

तैश में पुलकित सम्राट, कृति खरबंदा , हर्षवर्धन राणे, नेहा शर्मा, संजीदा शेख, जिम सभ्र, अंकुर राठी, जोया मोरानी और अभिमन्यु सिंह जैसे कलाकार हैं। इसे जी5 पर प्रसारित किया जाता है।

एएसएन/जेएनएस



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South Indian manufacturers want to take more risk: Bejoy Nambiar
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RACHNA SAROVAR
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