मुंबई, 15 अगस्त (आईएएनएस) फिल्मकार राजा कृष्ण मेनन अपनी अगली फिल्म, जिसका नाम पिप्पा है उसकी तैयारी में लगे हैं। फिल्म वार एक्शन ड्रामा है। वहीं उनका कहना है कि देशभक्ति, राष्ट्रवाद और अंधदेशभक्ति को अलग करने वाली रेखा बहुत ही बारिक होती है, जिसे पर्दे पर रेखांकित किया जाता है।
मेनन ने आईएएनएस से कहा, मुझे लगता है कि देशभक्ति को परिभाषित करना महत्वपूर्ण है, और देशभक्ति और अंधदेशभक्ति के बीच एक बहुत ही बारिक रेखा है। देशभक्ति आपके मातृभूमि के लिए प्यार से आती है, उस जगह से आती है जहां से आप ताल्लुक रखते हैं, और यह अपनेपन की भावना रखती है। यह किसी समुदाय या लोगों या भूमि से नफरत करने से नहीं आता है। यह प्रेम के बारे में होना चाहिए, न कि नफरत के बारे में। मेरे लिए, मेरे देश के प्रति मेरा प्यार दूसरों के प्रति मेरी नफरत के बारे में नहीं है।
उनसे पूछे जाने पर कि आज हम सामाजिक-राजनैतिक दौर में बड़े पैमाने पर देख रहे हैं कि राष्ट्रवाद को एक संवेदनशील विषय माना जाने लगा है, तो फिल्में लोगों को प्रभावित करने में किस तरह की भूमिका निभाती हैं? इस पर मेनन ने कहा, मुझे नहीं लगता कि यह सामाजिक-राजनीतिक दौर के बारे में है, मुझे लगता है कि यह उन विकल्पों के बारे में है जो हम बनाते हैं। सूचना और तकनीक के ऐसे युग में रहते हुए, जिसका हम अत्यधिक उपयोग करते हैं, हमारा दिमाग अच्छे, बुरे और भद्दी जानकारियों से भर जाता है।
उन्होंने आगे कहा, देशभक्ति वास्तविक मुद्दों पर उपलब्धि की भावना के बारे में है। अच्छी सड़कों, स्वच्छ पेयजल, रोजगार, सामाजिक सद्भाव, लोगों के जीवन को बचाने के लिए है। मेरे लिए देशभक्ति अपने राष्ट्र पर गर्व महसूस करने के बारे में है। वह गौरव हमारी उपलब्धि से आता है, न कि दूसरों के प्रति घृणा से।
एमएनएस
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RACHNA SAROVAR
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