मुंबई, 28 अगस्त (आईएएनएस)। गायक सुदेश भोंसले ने अपने बीते दिनों से उस मजेदार वाक्ये को याद किया जब साल 1998 में आई फिल्म जलजला में उन्हें बॉलीवुड में अपना पहला ब्रेक मिला था।
इस किस्से को साझा करते हुए उन्होंने बताया, आशा (भोंसले) जी ने एक बार मुझे स्टूडियो में सचिन दा (एसडी बर्मन) की आवाज में गाते हुए सुना था। फिर एक बार जब मेरी उनसे मुलाकात व्यक्तिगत तौर पर हुई तो उन्होंने मुझे अपने सामने कोई गाना गाकर सुनाने को कहा और मैंने फिल्म अमर प्रेम से सचिन दा के गीत डोली में बिठाई के को गाया। कुछ दिनों के बाद मुझे पंचम दा (आरडी बर्मन) के मैनेजर की तरफ से अपने पड़ोसी के टेलीफोन पर एक कॉल आया, जिसमें मुझे अपने पासपोर्ट के साथ सुबह दस बजे तक म्यूजिक स्टूडियो पहुंचने को कहा गया।
जब वह कमरे में घुसे, तो उन्होंने आशा भोंसले और आरडी बर्मन के साथ कई दिग्गज कलाकारों को देखा।
सुदेश आगे कहते हैं, जैसे ही आशा जी ने मुझे देखा, उन्होंने मेरी ओर इशारा कर पंचम दा से कहा, यही वह शख्स है। मैं उस वक्त बेहद हैरान रह गया जब पंचम दा ने मुझसे कुछ अलग आवाज में कहा, मेरे बाप की आवाज में गाते हो और मैं बस उनसे इतना ही कह पाया कि नहीं सर, मैं बस उनका फैन हूं। आशा जी ने जो किया था वह ये कि मेरा गाना सुनने के बाद उन्होंने इसे बिना किसी म्यूजिक के एक कैसेट में रिकॉर्ड कर लिया था और एक दिन उन्होंने उस कैसेट को उस वक्त बजाया जब पंचम दा नहाने गए हुए थे। पंचम दा बेहद हैरान हो गए और डर भी गए क्योंकि उन्हें लगा कि उनके पिता बाहर गाना गा रहे हैं, जबकि सचिन दा दो साल पहले ही गुजर गए थे।
गायक ने आगे बताया, इस घटना के बाद, पंचम दा ने मुझे 1986 में अपने साथ हॉन्गकॉन्ग ले जाने का फैसला लिया, जहां मैंने कई अलग-अलग कलाकारों की आवाज में गीत गाए, लेकिन जब मैंने सुन मेरे बंधु को गाया, तो पंचम दा ने मुझे गले से लगा दिया और कहा कि मुंबई पहुंचने के बाद वह पहले मेरी आवाज में अपना गाना रिकॉर्ड करेंगे। मुझे उन्हीं की वजह से जलजला में अपना पहला ब्रेक मिला।
सुदेश भोंसले ने सा रे गा मा पा लिल चैंप्स के एक एपिसोड के रिकॉर्डिग के दौरान इस पर बात की।
एएसएन-एसकेपी
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RACHNA SAROVAR
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